अजनबी हमेशा ही रहा हूँपर शायद पन्ने ही हमेशा बोल जाते हैं परवाह है ना अपना सकूँ चाँद की चाँदनी को अ... अजनबी हमेशा ही रहा हूँपर शायद पन्ने ही हमेशा बोल जाते हैं परवाह है ना अपना सकूँ ...
इंसान लड़ता है क्या सही क्या ग़लत ओर भुला देता है वह सच। इंसान लड़ता है क्या सही क्या ग़लत ओर भुला देता है वह सच।
स्फटिक सा निभाती पारदर्शी अपना वो पावन किरदार। स्फटिक सा निभाती पारदर्शी अपना वो पावन किरदार।
तन्हाई जहां है पूरी आजादी मुझे बहुत भाती है मेरी तन्हाई। तन्हाई जहां है पूरी आजादी मुझे बहुत भाती है मेरी तन्हाई।
प्रेमी बन प्रेम जाल फैला कर मुझे फँसाया विरह में तेरे मैने विरहनी सा जीवन बिताया। प्रेमी बन प्रेम जाल फैला कर मुझे फँसाया विरह में तेरे मैने विरहनी सा जीवन बि...
तमाम उम्र देखी जिनकी राह हमने उन रास्तों से वापस लौटना चाहता हूँ मैं तमाम उम्र देखी जिनकी राह हमने उन रास्तों से वापस लौटना चाहता हूँ मैं